आज के जागरूक माहौल में भी रंग के आधार पर भेदभाव : पौलमी दास
माँ के आदर्शवादी बेटे कार्तिक को साँवली लड़की से हो जाता है प्यार : हर्ष नागर
शो कार्तिक पूर्णिमा स्टार भारत पर टेलीकास्ट हो रहा है जो एक लड़की की अनोखी कहानी पर बना है। जनवरी में शुरू होने वाली पूर्णिमा (पौलमी दास) की कहानी उसकी सीरत का गुणगान करती है। कई टीवी शो में काम कर चुकी एक्ट्रेस पौलमी ने महिलाओं के रंगभेद पर अपनी राय रखते हुए कहा कि किसी भी लड़की को उसके रंग से नहीं जज करना चाहिए। पौलमी दास बताती हैं- "भले ही मेरा रंग दुनिया कि नजऱ में सांवला है फिर भी मुझे अपने पर नाज़ है। हमें कभी भगवान से इस प्रकार की शिकायत नहीं करनी चाहिए कि उन्होंने हमें ऐसा क्यों बनाया। कभी नहीं! हमें हमेशा ख़ुद से प्यार करना चाहिए भले ही लोग हमें किसी भी तरह जज करें। ऐसे में लोगों को भी लड़कियों को उनके कलर, उनके शरीर की बनावट, उनका चलना, बैठना, उनका पहनावा हर किसी को जज करने का कोई हक़ नहीं है।" पौलमी ने इससे पहले कई शोज़ किए हैं और दर्शकों ने हमेशा उनके किरदार को सराहा है। वहीं पौलमी के लिए अपने नए शो कार्तिक पूर्णिमा में पूर्णिमा का किरदार बहुत प्रिय और चैलेंजिंग है। बुधवार को शो के मुख्य किरदार पौलमी दास और हर्ष नागर इंदौर में शो के प्रमोशन के लिए आए। इस दौरान उन्होंने कई बातें साझा की।
हमारे समाज की बड़ी विडंबना है, कि आज के जागरूक माहौल में भी रंग के आधार पर बहुत ही भेद किया जाता है। अगर आप गोरे हैं, तो आप बेहद ख़ूबसूरत हैं और अगर आप साँवली रंगत वाले हैं, तो आपकी सारी ख़ूबियों को नजऱअंदाज़ कर, आपके साँवलेपन को आपकी सबसे बड़ी कमी कऱार दे दिया जाता है। लेकिन, वास्तव में किसी की ख़ूबसूरती गोरे या काले रंग से नहीं, बल्कि उसकी अंदरूनी ख़ूबियों से होती है और किसी के रंग से प्रभावित न होकर, उसके जीने के ढंग से प्यार करने वाले लोग भी दुनिया में मौजूद हैं। स्टार भारत एक ऐसी ही दिल को छू देने वाली ख़ूबसूरत कहानी कार्तिक पूर्णिमा लेकर आया है। यह कहानी है अमृतसर में रहने वाली पूर्णिमा की है, जिसका रंग भले ही साँवला है पर उसका मन उतना ही साफ़ है। पूर्णिमा को लगता है कि उसका साँवला रंग उसकी माँ का आशीर्वाद है और उसे अपनी साँवली रंगत पर कोई अफ़सोस नहीं है, लेकिन पूर्णिमा की सौतेली माँ और बहन के अलावा भी समाज के कई लोग उसके रंग को लेकर उसे ताने मारते रहते हैं। इन सभी तनावों से जूझते हुए भी पूर्णिमा अपने आत्मविश्वास पर अडिग रहती है। इसी बीच उसकी जि़ंदगी में आता है कार्तिक, जो पूर्णिमा के रंग पर नहीं, उसके जीने के ढंग पर मर मिटता है। वो पूर्णिमा को उसी रूप में स्वीकार करता है, जैसी वो है। कार्तिक और पूर्णिमा का प्यार परवान चढ़ता है और असल मुसीबतें तो तब शुरू होती है जब यह दोनों शादी कर लेते हैं। कार्तिक की माँ को साँवले रंग वालों से सख़्त नफऱत है। ऐसे में अपनी ही बहू को इस रूप में स्वीकार करना उनके लिए नामुमकिन हो जाता है। अपनी सास का दिल जीतने की कोशिश से शुरू होती है पूर्णिमा की असली लड़ाई। आखिऱ कैसे लड़ेगी पूर्णिमा यह लड़ाई ? क्या वो अपने आत्मविश्वास और प्यार की ताक़त से कार्तिक की माँ के दिल में जगह बना पाती है? क्या रंगभेद करने वाले इस समाज को वह मुँहतोड़ जवाब दे पाती है? रोलिंग पिक्चर्ज द्वारा प्रोड्यूस किए कार्तिक पूर्णिमा शो को 3 फऱवरी से, सोमवार से शनिवार, रात 8.30 बजे, सिफऱ् स्टार भारत पर शुरू हो चुका है। इस शो के मुख्य किरदारों में आकर्षक और प्रतिभावान ऐक्टर हर्ष नागर, डस्की ब्यूटी का उदाहरण पेश करने वाली ख़ूबसूरत ऐक्ट्रेस पौलमी दास हैं, और कार्तिक की माँ का किरदार मँजी हुई कलाकार और चर्चित अदाकारा कविता घई निभा रही हैं। शो में कार्तिक का किरदार निभा रहे ऐक्टर और मॉडल हर्ष नागर ने बताया,"यह किरदार मेरे लिए बहुत अलग है। मैंने इससे पहले केवल टीनएज वाले किरदार निभाए हैं। इस शो में मैं कार्तिक का किरदार निभा रहा हूँ, जो एक नामी सर्जन है। माँ के आदर्शवादी बेटे कार्तिक को एक साँवली लड़की से प्यार हो जाता है, जिसका सफऱ कार्तिक और पूर्णिमा साथ मिलकर तय करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा शो की कहानी एक ख़ूबसूरत लवस्टोरी है, जिसमें ये दोनों समाज की रूढि़वादी सोच से लड़कर, अपने प्यार को पूरा करते हैं।" लखनऊ विजि़ट पर बात करते हुए हर्ष ने कहा "यह शहर बड़े अदब वाला है, जो मुझे यहाँ के लोगों में दिखाई भी दिया। यहाँ के ज़ायक़े का तो जवाब ही नहीं, मैं अपनी उंगलियाँ चाटता रह गया।" शो के प्रमोशन के लिए लखनऊ पहुँची ऐक्ट्रेस पौलोमी दास ने बताया "बतौर लीड ऐक्ट्रेस यह मेरा पहला शो है ।मैं ख़ुद को बहुत लकी समझती हूँ कि पूर्णिमा के किरदार के लिए मुझे चुना गया । इस शो के कॉन्सेप्ट के ज़रिए मैं समाज को सूरत नहीं सीरत का महत्व समझा पाउंगी।