इंदौर। पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययन शाला देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने यूनिसेफ के साथ बाल अधिकारों को लेकर एक रणनीतिक साझेदारी पर हस्ताक्षर किये हैं।
यूनिसेफ के साथ हुई इस साझेदारी के संबंध में पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला की विभागाध्यक्ष डॉ.सोनाली नरगुंदे ने बताया कि 'पत्रकारिता विभाग हमेशा ही प्रकृति व समाज के प्रति अपने दायित्वों को लेकर संवेदनशील रहा है और इसी की अगली कड़ी में विभाग ने यूनिसेफ के साथ संयुक्त रूप से बाल अधिकारों व संरक्षण को लेकर एक वर्षीय साझेदारी पत्र पर हस्ताक्षर किए है।
डॉ. नरगुंदे ने बताया कि यूनिसेफ के साथ हुई इस साझेदारी के अंतर्गत -
* मीडिया अध्ययन व अन्य पाठ्यक्रम में बाल अधिकारों को शामिल करना।
* साक्ष्य निर्माण, ज्ञान प्रबंधन सहित बाल अधिकारों से जुड़े शोध को प्राथमिकता देना।
* बाल अधिकार, अस्तित्व व संरक्षण से जुड़े समाचार पत्र-पत्रिकाओं को बढ़ावा देना।
* विश्व बाल दिवस की वार्षिक थीम पर मिलकर यूनिसेफ के साथ काम करना।
* सोशल मीडिया पर छात्रों फैकल्टी व पत्रकारों के माध्यम से बाल अधिकारों को लेकर जागरूकता बढ़ाना।
* संयुक्त रूप से बाल अधिकारों पर सत्र आयोजित करना, जिससे बाल अधिकारों पर मीडिया पेशेवरों की क्षमता, विशेष रूप से पोषण, नवजात स्वास्थ्य, टीकाकरण बाल संरक्षण के उपयोग की क्षमता का निर्माण हो सके।
इस तरीके के कार्यक्रमों का आयोजन करना व उन्हें बढ़ावा देना शामिल है।
बाल अधिकारों को लेकर दोनों संस्थाओं के बीच हुई इस साझेदारी को लेकर मध्यप्रदेश यूनिसेफ प्रमुख माइकल स्टीवन जुमा ने बताया कि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय और यूनिसेफ के बीच यह रणनीतिक साझेदारी न केवल मीडिया अध्ययन के स्कूल में बाल अधिकार पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए एक सक्षम मंच प्रदान करती है, बल्कि अनुसंधान, पारस्परिक प्रबंधन (RBM), ज्ञान प्रबंधन, साक्ष्य निर्माण में आपसी सहयोग के लिए एक संरचित ढांचा भी प्रदान करती है। बाल अधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए मूल्यांकन और प्रक्रिया प्रलेखन। इसका उद्देश्य बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के विशाल ज्ञान और उनके व्यावहारिक अनुप्रयोग के साथ मानव संसाधन संवर्ग का एक पूल बनाना है।
'यूनिसेफ, संयुक्त राष्ट्र का एक अभिन्न अंग है, बच्चों के अधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए सरकारों, समुदायों, नागरिक समाज संगठनों, निजी क्षेत्र और अन्य भागीदारों के साथ काम करता है, और बाल अधिकारों पर कन्वेंशन द्वारा निर्देशित है। मध्य प्रदेश में यह राज्य सरकार, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, नागरिक समाज संगठनों, शिक्षाविदों, मीडिया संस्थानों, युवाओं और किशोर समूहों के विभागों के साथ काम करता है। पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला देअविवि के साथ इस साझेदारी के तहत हम इंदौर संभाग के सात जनजाति बहुल व पिछड़े जिलों में बाल अधिकारों,अस्तित्व व संरक्षण को लेकर काम करेंगे।
यह साझेदारी 31 दिसम्बर 2020 तक मान्य है,लेकिन लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हम पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के साथ आपसी सहमति से हम इसे लिखित रूप से आगे भी बढ़ा सकते है।'
जर्नलिज्म डिपार्टमेंट व यूनिसेफ के बीच हुई साझेदारी पर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति डॉक्टर रेणु जैन ने कहा कि 'विश्वविद्यालय आंचलिक संभाग में विकसित है,जिसमें सोलह संकायों में स्नातक, स्नातकोत्तर और अनुसंधान कार्यक्रमों की पेशकश करने वाले 33 शिक्षण विभाग और केंद्र हैं। यह विज्ञान, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, प्रबंधन, कानून और मीडिया के क्षेत्र में अभिनव और एकीकृत पाठ्यक्रम शुरू करने वाले देश के पहले कुछ विश्वविद्यालयों में से एक है। विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय शिक्षण विभागों और केंद्रों के अलावा 294 संबद्ध कॉलेज हैं। सभी स्कूलों / संस्थानों में पूर्ण शैक्षणिक स्वायत्तता और लचीलापन है। नियमित पाठ्यक्रमों में 10,500 छात्रों और दूरस्थ शिक्षा मोड के माध्यम से लगभग 1,000 छात्रों को शिक्षण प्रदान किया जाता है।
पत्रकारिता विभाग व यूनिसेफ के बीच हुई इस साझेदारी से विश्विद्यालय की साख़ बढ़ेगी वहीँ इसका लाभ संभाग के जनजातीय बहुल पिछड़े जिलों व प्रदेश को मिलेगा। पत्रकारिता विभाग के माध्यम से विश्वविद्यालय यूनिसेफ के साथ मिलकर बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता के लिए संगोष्ठियों व शोध को बढ़ावा देगा।'
इस दौरान अनिल गुलाटी (संचार विशेषज्ञ, यूनिसेफ) और सुजान सरकार (योजना और निगरानी अधिकारी, यूनिसेफ) उपस्थित थे। अंत में पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष ने यूनिसेफ अधिकारियों को तुलसी का पौधा भेंट कर आभार प्रकट किया।