बॉम्बे से आयी बालिका को बाल कल्याण समिति ने स्थानांतरित किया
27 जनवरी को बामनिया ट्रेन से एक गुमशुदा बालिका रैल्वे पुलिस को प्राप्त हुई जिसे उन्होने चाइल्ड लाईन के सपुर्द कीया ।बालिका को चाइल्ड लाईन ने मैडिकल व अन्य थाना क्षेत्र की कार्यवाही के पश्चात जिला बाल कल्याण समिति न्यायपीठ के समक्ष प्रस्तूत किया जहा काऊंन्सलर द्वारा व मैडिकल टेस्ट रिपोर्ट से जाना कि बालिका की उम्र 16 से 17 के मध्य हैं व वह अपनी मौसी जो बॉम्बे मे रह्ती हैं उनके प्रताड़ित करने से भाग आयी है । बालिका ने ये भी बताया कि उसकी माँ ने मौसी के यहा पढ्ने भेजा लेकिन मौसी ने तेरा आधार कार्ड नही है ये कहते हुये घर का सब काम करवाती थी और गलती होने पर प्रताड़ित करती थी जब वह घर से भागी तो भी कारण यही था।बालिका ने ये भी कहा की वह माँ के पास जाना चाह्ती लेकिन मौसी के साथ नही जायेगी ।
बाल कल्याण समिति ने बालिका की स्थिति को देखते हुये उसे वन स्टॉप सेंटर मे 6 दिन रखा जिससे उसकी उचित देख भाल हो सके । समिति ने बॉम्बे बाल कल्याण समिति से भी सम्पर्क किया । तब आज बॉम्बे पुलिस के साथ बालिका की मौसी व उनका बेटा बालिका को लेने समिति में उसे लेने आए किन्तु बालिका ने जाने से मना कििया किन्त्तु बाल कल्याण समिति न्यायपीठ किशोर न्याय अधिनियम को ध्यान मे रखते हुये बालिका को बॉम्बे पुलिस के जरिये बॉम्बे बाल कल्याण समििति को स्थानतरित किया जिससे वह बालिका की निवास,माता पिता की स्थिति को जाचं कर बालिका को न्याय दिलवा सके।
प्रकरण की वैधानिक कार्यवाही बाल कल्याण समिति अध्यक्ष निवेदिता सक्सेना सदस्य श्री गोपाल सिंह पँवार, श्रीमती ममता सकलेचा,चाइल्ड लाईन टीम खुशबु मौर्य, अनिता ,मुकेश , काउन्सलर व पैटलवाद टीम व विषेश पुलिस इकाई से अरविंद वसुनिया का,बॉम्बे पुलिस के गौतम रध्वे ,महिला पुलिस बबिता जगताप का सहयोग रहा ।