करवड राकेश डूंगरवाल सुख की तलाश सभी को है, सभी जीव सुख चाहते है और सुख प्राप्ति के लिए प्रयत्न भी कर रहे है,लेकिन जीन भौतिक सुखों को प्राप्त करने के लिए जीव के प्रयास हो रहे है, उनके प्रयास पुरे नहीं होते है क्योंकि भौतिक सुख सच्चा सुख नहीं है सुख का आभास मात्र है।
सच्चा सुख संयम में है इसलिए सुख प्राप्ति के लिए सच्चा प्रयास जो संयम ले रहे हे उनका है ,साधु इसलिए सुखी है क्योंकि उनकी यात्रा इसी शास्वत सुख की प्राप्ति के लिए हो रही है।
उक्त प्रेरक उदगार स्थानक भवन में विराजित अणु वत्स संत संयत मुनिजी ने धर्म सभा में व्यक्त किये।
आपने कहा कि दीक्षा शास्वत सुख पाने के लिए ली जाती है और शास्वत सुख पाने का रास्ता संयम से ही मिलता है,जो सुख संयम में है वह ग्रहस्थ जीवन में नहीं है इसी सत्य को समझकर आयुषी बहन दीक्षा ले रही है।
आपने कहा कि लोग मरने से डरते है लेकिन साधु मरने से नहीं डरते है और विपरीत परिस्तिथियों में भी सम भाव में रहते है समता को धारण करते हे गिड़गिड़ाते नहीं है लेकिन गृहस्थ को कई अवसरों पर गिड़गिड़ाना पड़ता है दीन वचनों को बोलना पड़ता है लेकिन साधु सम भावो से परीषहों को सहते हुए शास्वत सुख प्राप्त करने की मंजिल की और बढ़ते है,।
धन्य है वे जो संयम पथ पर चल रहे है और धन्य है वे जिन्होंने इस मार्ग पर चलकर अपनी मंजिल को प्राप्त कर लिया है
धर्मसभा में संत धर्मेन्द्र मुनिजी ने कहा की यदि सभी दुःखो से मुक्ति पाना है तो धर्म को मन वचन काया से आचरण में लाना होगा सभी मोक्षार्थी है लेकिन हमें दीक्षार्थी बनना है क्योकि दीक्षा लिए बिना मोक्ष नहीं मिलता है।
जो जीन मार्ग में स्थित है वह सनाथ है और जो जीन मार्ग में स्थित नहीं है वह अनाथ है इसलिए हमें मजबूत श्रद्धा के साथ जीन मार्ग में स्थित होना है
धर्म सभा में महासती चतुर्गुणा जी एवं महासती अनन्त गुणाजी ने स्तवन की प्रस्तुति दी
धर्मसभा में महासती मुक्ति प्रभाजी महासती पुण्य पुंज पुण्य शीला जी महासती अनुपम शीला जी महासती सुव्रता जी आदि ठाणा उपस्थित थे
दीक्षा महोत्सव के लिए संत सतियो का आगमन जारी है और संत हेमन्त मुनिजी गिरीश मुनिंजी का मंगल प्रवेश हुआ साथ ही महासती जी किरण बालाजी आदी ठाणा का रूपगढ़ की और से मंगल प्रवेश होगा।
धर्मसभा में वन्दना सोलंकी ने मुमुक्षु आयुषी गाँधी के भावी संयमी जीवन के प्रति अपनी मंगल कामनाऐ व्यक्त की।
दीक्षार्थी आयुषी बहन के सम्मान में चोवीसी का आयोजन मनीष कुमार होकमीचंद कटकानी परिवार की और से स्थानक भवन पर रखा गया एवं नवयुवक मंडल द्वारा चोवीसी का आयोजन गणपति चोक पर रखा गया इसके अंतर्गत बालिका मंडल द्वारा नवकार महामंत्र की प्रस्तुति पाठ शाला के बच्चो द्वारा धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं नवयुवक मंडल द्वारा सामूहिक स्तवन की प्रस्तुति का आयोजन रखा गया धर्म सभा का संचालन राजेन्द्र कटकानी ने किया।