दीक्षा महोत्सव के उपलक्ष में मुनि श्री के उद्गार
जैसे-जैसे इच्छाएं नाचनचाती है वैसे वैसे जीव नाचता है
पूज्य श्री संयत मुनि जी
करवड राकेश डूंगरवाल
मनुष्य शरीर से इतना दुखी नहीं है ,जीतना इच्छाओं से दुखी है,इच्छा ही दुःख का कारण है,जितनी इच्छाए बढ़ती है उतना ही दुःख बढ़ता है,अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए जीव संसार में भटकता रहता है। इच्छाए नाच नचाने वाली है जैसे जैसे इच्छाए नाच नचाती है वैसे वैसे जीव नाचता है।
संसार में रचा बसा मनुष्य दुःखी इसलिए है की उसकी अपेक्षाए और इच्छाए बहुत ज्यादा होती है साधु साध्वी सुखी इसलिए हे की उन्हें किसी की आशा नहीं होती चाह नहीं होती इच्छा नहीं होती है और संसारी जीवन में जिसने इच्छाए छोड़ दी है वही संयमी जीवन अंगीकार करता है,उक्त प्रेरक उदगार मुमुक्षु आयुषी गाँधी के दीक्षा महोत्सव के अवसर पर स्थानक भवन में विराजित अणु वत्स सन्त संयत मुनिजी ने धर्म सभा में व्यक्त किये
आपने कहा कि ऐसा सुख जो आकर वापस जाये नहीं वह सुख संयम के रास्ते पर ही मिलेगा और मुमुक्षु आयुषी बहन उसी मार्ग को अंगीकार करने जा रही है।
आपने कहा की गृहस्थ का जीवन पराश्रित जीवन होता है और साधु जीवन स्वावलंबी जीवन होता है और दीक्षार्थी भी इसी स्वावलंबी जीवन पथ पर आरूढ़ होने जा रही है।
धर्म सभा में संत आदित्य मुनिजी ने कहा की संसार में जीतना भी धन कमाओ उसे साथ नहीं ले जा सकते है लेकिन जितनी धर्म आराधना करोगे यह धर्म आराधना की कमाई साथ में जाने वाली है आयुषी बहन संसार की असारता को समझ कर अमृतमय संयम पथ पर अग्रसर हो रही है।
धर्मसभा में महासती चतुर्गुणा जी ने स्तवन की प्रस्तुति दी
महासती सुव्रता जी ने जीस देश और समाज में संयम को स्थान और सम्मान दिया जाता है वह देश और समाज उन्नति करता है।
संसार की समस्याओं में उलझे हुए मनुष्य की समस्याओं के समाधान के लिए संयम ही मुक्ति का मार्ग है,।
धर्म सभा में महासती पुण्य पुंज पुण्य शीला जी महासती अनुपमशिलाजी आदि ठाणा और दीक्षा महोत्सव के लिए नगर में मंगल प्रवेश करने वाली महासती मुक्ति प्रभाजी आदि ठाणा भी उपस्थित थे।
संत धर्मेन्द्र मुनिजी आदि ठाणा का भी दीक्षा महोत्सव के लिए नगर में मंगल प्रवेश हुआ और जयकारों के साथ स्थानक भवन में प्रवेश हुआ
धर्मसभा में महिला मंडल अध्यक्ष विमला देवी बरबेटा ने अपने भावो के द्वारा आयुषी बहन का अभिनंदन करते हुए उनके भावी संयमी जीवन के लिए शुभ कामनाएं व्यक्त की,बहु मंडल एवम चिराग भण्डारी ने स्तवन की प्रस्तुति दी।
दीक्षार्थी आयुषी गाँधी के सम्मान में चोवीसी का आयोजन स्थानक भवन पर विमला देवी सुरेन्द्र कुमार बरबेटा परिवार की और से रखा गया,धर्म सभा का संचालन राजेन्द्र कटकानी ने किया।