ओमप्रकाश राठौर
प्रदेश में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान द्वारा संचालित समस्त छात्रावासों में बालिकाओं को बेहतर भोजन मिले इस हेतु मेस व्यवस्था लागू कर टेंडर के माध्यम से भोजन दिए जाने के निर्देश उच्च अधिकारियों द्वारा दिये गए इसके लिए बाकायदा मॉडल टेंडर डॉक्यूमेंट भी प्रदेश से लागू कर उसके अनुरूप भोजन दिए जाने हेतु सभी जिलों को आदेश भी दिया गया परंतु ओझा ने उक्त नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अभी तक बालिकाओं के भोजन का कार्य वार्डन से ही करवा रहे थे क्योंकि अगर कोई ठेकेदार कार्य करता तो प्रतिमाह ओझा भोजन के एवज में जो बड़ी राशि को प्राप्त करते है वह बंद हो जाती या कम हो जाती जो ओझा को मंजूर नही था इसलिए साशन के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए खुद के नियम स्थापित किये गए।
भोजन हेतु मेस के टेंडर क्यों नहीं किये यह जांच का विषय है अब देखना यह है की प्रसाशन सच में जांच करता है या लीपापोती कर जांच को खत्म करता है।
आदिवासी बालिकाओं के हक़ पर ओझा सदैव डाका डालते रहे है अगले अंक में हम छात्राओं के लिए क्रय किये करीब 24 लाख के गद्दों का रहस्य लेकर आपके सामने मौजूद रहेंगे।
इनका का कहना है-
अतिरिक्त परियोजना समन्वयक ओझा जी द्वारा कस्तूरबा छात्रवास बंद करने के निर्णय शर्मनाक है साबित हो रहा है छात्रावासों को कोंग्रेसियों ने कमाई का अड्डा बना लिया है इसी दबाव में वार्डन की तत्काल नियुक्ति नहीं कि गई।
परीक्षा के समय में लड़कियों को घर भेजना प्रसाशन की पोल खोल रहा है। अगर जल्द छात्रावास नहीं खुला तो हम आंदोलन करेंगे।
भानु भूरिया भाजयुमो जिलाध्यक्ष